Thursday, March 31, 2011

प्रेम तथा भक्तिपूर्वक अर्पित किया गया फूल और पान भी उनके द्वारा सहर्ष स्वीकार कर लिया जाता था I परन्तु अगर वह अहंकारसहित भेंट की जाती थी, तो वे तुरंत अस्वीकार कर देते थे I

श्री साई सच्चरित्र



श्री साई सच्चरित्र

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श्री साई सच्चरित्र अध्याय 1

श्री साई सच्चरित्र अध्याय 2


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Sai Aartian साईं आरतीयाँ